Usha sharma

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लेखनी प्रतियोगिता -24-Jun-2023

शीर्षक :ग़ज़ल


दिल तड़पकर छलता जाए, 
वो सांसों में घुलता जाए। 

सूना सूना सा आलम है,
वो अपनापन खोजा जाए।

बाकी रहती बोली जग में,
मुख से मीठा बोला जाए।

दर्दे गम सीने में रख कर,
बोलो कैसे बोला जाए।

मायूसी से क्या कुछ हासिल,
रुख़ धारा का मोड़ा जाए।

कौन यहाँ हुआ है किसका,
कहने को तो बोला जाए। 

दोस्ती के वास्ते हुए कुरबां,
सच को कितना तौला जाए।

© उषा शर्मा 

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6 Comments

madhura

25-Jun-2023 11:06 AM

good

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Babita patel

25-Jun-2023 09:26 AM

very nice

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Abhilasha Deshpande

25-Jun-2023 08:53 AM

nice

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